Thursday 7 June 2012

शुभ -विचार



1. अगर आप सदा स्वयं की दूसरी की साथ तुलना करते रहते हैं तो आप अवश्य ही अहंकार अथवा र्इष्र्या के शिकार हो जायेंगे ।


2. अच्छी पुस्तकें अच्छे साथी की तरह हैं । अश्लील सहित्य हमारे मन को दूषित करता है  तथा हमें गलत रास्ते की ओर अग्रसर करता है ।


3. समस्यायें चाहे कैसी भी हों, परन्तु इनसे घबराइये मत, बलिक इन्हें परीक्षा समझ कर पास कीजिये ।


4. जीवन को आबाद करना है तो मैं कौन हूं ? इस पहेली को हल कीजिये । मैं और मेरे-पन के भान से मुक्त हो जाइये ।


5. ज्ञान सबसे बड़ा धन है । स्वयं से पूछें - ''मैं कितना धनवान हूं ?


6. यदि आपके मुख से गन्दे बोल निकलते हैं तो आपका मन कैसा होगा ?


7. हमारे वचन चाहे कितने भी श्रेष्ठ क्यों न हों,  दुनिया हमें हमारे कर्मों के द्वारा पहचानती है ।


8. यदि आप मत्यु से भयभीत होते हैं तो  इसका अर्थ यह है कि आप  जीवन का महत्व ही नहीं समझते ।


9. आप अपने अधिकारों के प्रति ही जागरुक न रहें अपितु इस बात का भी ध्यान रखें कि आप सही मार्ग पर हैं या नहीं ।


10. अधिक सांसारिक ज्ञान अर्जित करने से  आपमें अहंकार आ सकता है,  परन्तु आध्यातिमक ज्ञान जितना अधिक अर्जित करते हैं उतनी नम्रता आती है ।


11. आप किसी समस्या के बारे में कितनी भी चिन्ता करें, परन्तु क्या आपका चिनितत मन उस समस्या का समाधान कर सकता है ?


12. समय ही जीवन  है  ।  समय को बरबाद  करना  अपने जीवन को  बरबाद करने के समान है।


13. किसी दुसरे व्यक्ति  की आलोचना  करने से पहले हमे  अपने  अन्दर  झांक  कर देख लेना चाहिए  ।


14. लोभ को जीतने का प्रयास करे, क्योंकि  "मानव जब बूढ़ा भयो, तृष्णा भई जवान"  ।


15. जब कोई व्यक्ति परमात्मा को आत्म-समर्पण  करता है, तो वह अपना मन ईश्वर  की और लगाकर उसी की श्रीमत को सुनता है तथ उसी के अनुरूप कर्म  करता है  ।


16. हम सितारों की दुरी तथा समुद्र  की गहराई का अन्वेषण  करते  है , परन्तु  हम कोंन  है तथा इस संसार में क्यों आये है, इस विषय में कितना जानते है?


17. कभी-कभी हम दूसरों को बदलने के लिये बाध्य कर देते है, क्योंकि हम चाहते है कि वे वेसे ही बने, जैसा हम चाहते  है  ।


18. किसी भी चीज को समझने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती हिया किन्तु उसे महसूस करने के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है  ।


19. एक बार आपको कुछ न करने की आदत पड़ जाये तो आप पायेंगे  कि व्यस्त होने के लिए समय नहीं बचता  ।


20. दर्पण में आप अपना चेहरा देख सकते है, चरित्र नहीं  ।







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